नमस्कार!
मैं मनीष, फिर हाज़िर हूं — इस बार अपनी ज़िंदगी की एक और सच्ची कहानी लेकर। इससे पहले मैंने ब्लॉगिंग की जर्नी शेयर की थी, और आज बात करेंगे मेरी शादी की सच्ची कहानी की।
मैं एक मिडिल क्लास लड़का हूं। सोचा था जब तक बैंक बैलेंस 5 डिजिट में न पहुंचे, शादी नहीं करूंगा। लेकिन जिंदगी अपनी शर्तों पर चलती है…
मेरा जन्म 25 दिसंबर 1996 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। परिवार में 3 भाई और सबसे छोटी एक बहन। मैं सबसे बड़ा। गांव के लोकल स्कूल-कॉलेज से पढ़ाई की — 10वीं, इंटर, फिर BA 2021 में पूरा किया।

ग्रेजुएशन के बाद ब्लॉगिंग से पैसा आने लगा और जिंदगी जैसे-तैसे चलने लगी। कोई खास टेंशन नहीं था, लेकिन शायद इसी वजह से परिवार ने सोचा — “अब इसकी शादी कर देनी चाहिए।”
49 रिजेक्शन और मुझसे जुड़ी सोच

लेकिन… मेरी शादी इतनी आसान नहीं थी।
मेरे चेहरे पर दाने, खान-पान की लापरवाही — शक्ल ऐसी कि ना लव मैरिज की उम्मीद थी, ना कोई जल्दी तैयार होने को।
अब तक 49 लड़कियों के रिश्ते देखे जा चुके थे। उनमें से 15-16 को मैंने मना किया, और बाकी ने मुझे। ये सब शादी के लिए रिजेक्ट किया जाना बहुत तकलीफदेह था।
इस दौरान मैं डिप्रेशन जैसी स्थिति में था। फिर एक सुबह रिश्तेदार ने एक लड़की की फोटो भेजी। मैंने भी सोच लिया — अब और नहीं। जो भी हो, देखेंगे। और मैंने हां कर दी।
“चट मंगनी पट ब्याह” — मेरी शादी तय हुई!

एक हफ्ते के अंदर ही सब फिक्स हो गया।
लेकिन एक नई चिंता खड़ी हो गई — “लड़का करता क्या है?” क्योंकि मेरा ब्लॉगर होना सबको समझ नहीं आता था।
तभी हमारे पड़ोस के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक अंकल ने मुझे अपने छोटे बैंक में काम पर रख लिया।
27 अप्रैल 2022 को हमारी शादी हुई, पूरी हिंदू रीति-रिवाज के साथ। जो जिंदगी अभी तक बिंदास चल रही थी, उसमें अब नियम, ज़िम्मेदारी और बदलाव आ गया।
शादी के बाद की जिंदगी
शादी के बाद की शुरुआत अच्छी थी। लेकिन एक साल बाद एक ऐसी घटना घटी, जिसने मुझे अंदर से हिला दिया। उस बारे में अगली बार ज़रूर बात करूंगा…
अंत में…
अगर आपको ये कहानी अपनी सी लगी हो, तो ज़रूर बताइए।
हो सकता है आपके साथ भी कुछ ऐसा हुआ हो — तो real marriage story in Hindi में आपका अनुभव भी जुड़ सकता है।
कमेंट कीजिए, या आप चाहें तो अपनी कहानी वीडियो या टेक्स्ट में भेज सकते हैं।
हम सब मिलकर अपने-अपने दुख-सुख बांटेंगे, शायद थोड़ा हल्का लगे।